इस समस्या को चीन की एक कम्पनी बिटावोल्ट ने परमाणु बैटरी बनाकर खत्म कर दिया है।
" जो विश्व की पहली परमाणु बैटरी होगी।"
इसे बार - बार चार्ज नही करना पड़ेगा।
इसका आकार 5₹ के सिक्के या बिस्किट का आधा होगा।
"इसे 50 वर्षो तक चार्ज करने की आवश्यकता नहीं।"
इसमें आइसोटोप ( समस्थानिक ) का प्रयोग हुआ हैं।
इसमें 63 आइसोटोप का प्रयोग हुआ है, जो क्षय होकर बिजली/ऊर्जा में परिवर्तित होगे।
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